विशेषज्ञों का कहना है कि रूस यूक्रेन विवाद मध्यपूर्व में गेहूं की कीमत के बढ़ने और अन्य सामग्री को प्रदान करने को प्रभावित कर सकता है।
ब्रिटेन अखबार डेली टेलीग्राफ के मुताबिक विश्लेषकों के द्वारा चेतावनी देते हुए कहा गया है कि गेहूं की कीमत में करीब 25% की बढ़ोतरी की स्थिति को काफी ज्यादा गंभीर बना सकती है और इलाके और राज्य में अशांति की स्थिति पैदा हो सकती है।
रूस और यूक्रेन अनाज की वैश्विक मंडी को 14% प्रदान कर सकते हैं इस साल की शुरुआत के साथ गेहूं की कीमत में 37% की बढ़ोतरी देखी गई है और कीमत में इतनी बढ़ोतरी साल 2008 के बाद से नहीं देखा गया है।
अरब देशों में लेबनान सीरिया और यमन कीमतों में बढ़ोतरी से प्रभावित हो सकते हैं। वैश्विक रिसर्च फर्म बीसीए के द्वारा बताया गया है कि वहीरे अस्वद से मध्यपूर्व तक सप्लाई लाइन पर प्रभाव पड़ा है।
रूस यूक्रेन और बेलारूस दुनिया भर में खाद लाने के हवाले से बड़े देशों के लिस्ट में शामिल हो चुके हैं। बुवाई का अमल फरवरी के आखिर में ज्यादातर शुरू हो जाता है हालांकि अब फसल की कटाई काफी तेजी से प्रभावित हो सकती है।
बीसीए रिसर्च का कहना है कि विदेशी भंडारे में तेजी से कमी आ सकती है और किसी भी प्रकार के भविष्यवाणी का कारण बन सकती है जैसे कि साल 2011 में अरब स्प्रिंग के दौरान खाद्य कीमतों से संबंध देखा गया है।