अल-मरसाड अखबार की खबरों के मूताबिक 9 मार्च को मिस्र में शहीद दिवस मनाया गया। बताया गया कि मिस्र में 9 मार्च का दिन मिस्र की सेना से जुड़े सबसे सीनियर पद पर नियुक्त जनरल लेफ्टिनेंट जनरल अब्दुल मोनीम रियाद के कत्ल के साथ मेल खाता है। उनके कत्ल के पीछे इंशरा मूसा का हाथ था।
मूसा, जो कि मिस्र की एक जासूस थी, जिसे कि इजरायल की तरफ से जनरल लेफ्टिनेंट जनरल अब्दुल मोनीम रियाद को कत्ल करने के इरादे से उसे भेजा गया था। बताया गया कि मूसा ने 9 मार्च, 1969 को मिस्र के मोर्चे के बारे में इजरायली सेना को उसके आने की तारीख का खुलासा करने के बाद लेफ्टिनेंट जनरल अब्दुल मोनीम रियाद का कत्ल कर दिया था।
बताया गया कि युद्ध के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल अब्दुल मोनीम रियाद सबसे आगे की लाइन में थे और अचानक ही इजरायली की तोप के हमले का शिकार हो गए थे, ज़ख़्मी होने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था लेकिन अस्पताल में ले जाने से पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी।
जासूस इशरा मूसा, जिसने अपने पति और तीनो बेटों को अपनी मर्जी से इजरायल के दुश्मनो के साथ जोड़ लिया था, और उसने हेडक्वार्टर में गोल्डन जनरल के आगमन की तारीख तक उनसे संपर्क रखा।
1974 में इशरा पति और उसके बच्चों को मिस्र की जनरल इंटेलिजेंस एजेंसी के ज़रिए गिरफ्तार कर लिया गया था। उसके पति को मौत की सजा दी गयी थी।