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कभी महज़ 1200 दिरहम की नौकरी करते थे यह भारतीय, आज हैं बड़े कारोबारी, सरकार ने गोल्डन विज़ा से किया सम्मानित

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भारतीय मूल के सतीश जयसिंघानी अल ऐन में सेल्समैन से अब एक बड़े कारोबारी बन चुके हैं, उनको 10 साल के लिए यूनाइटेड अरब अमीरात का गोल्डन वीजा हासिल हो चुका है जय सिंघानी यूनाइटेड अरब अमीरात के गार्डन सिटी में अस्पताल के कर्मचारियों के लिए मेडिकल सप्लाई फर्म और यूनिफॉर्म प्रोडक्शन की यूनिट चलाते हैं।

UAE Golden Visa Satish Jaisinghani
62 साल के दादा जय सिंघानी ने यूनाइटेड अरब अमीरात में अपने करियर की शुरुआत 1984 में यूनाइटेड अरब अमीरात में की थी। 1200 महीने की तनख्वाह के साथ उन्होंने अपनी शुरुआत की थी तेजी से वक्त गुजरता गया और 37 साल कब बीत गए कुछ पता ही नहीं चला और अब वो कई कंपनियों का मैनेजमेंट देखते हैं।

 

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उन्होंने बताया कि मैंने अबू धाबी में एक ब्रीफिंग प्रेस में सेल्स के प्रतिनिधित्व के तौर पर अपनी शुरुआत की थी हालांकि मेरी तनख्वाह काफी कम थी और मेरे ऊपर जिम्मेदारियां बहुत ज्यादा थीं। पिछले 17 सालों से कॉरपोरेट कल्चर के लिए काम करना मेरे लिए अपने खुद का कारोबार शुरू करने के लिए सीखना था।


उन्होंने बताया कि साल 2000 में मुंबई के कुछ नागरिक को ब्रांड ट्रेडिंग खोली ज्योति जो कि सामान्य व्यापारी व्यवस्थाएं संचालित या करती 2 साल के बाद उसने तत्काल इंडस्ट्री में कौन डोरा और दूसरे कपड़ों के शो के साथ कपड़े उपयोग में काम करना शुरू कर दिया उनके दोनों ही कारोबार से काफी अच्छा रिस्पांस मिला था और साल 2004 में यूनिफॉर्म के लिए मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए कदम रखा गया।

जब सिंघानी क बड़े बेटे ने डॉक्टर ऑफ फॉर्मेसी पूरा कर लिया तो जय ने चिकित्सकीय सामग्री उद्योग में कदम रखा।

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