देश बिजली की कमी 7,000 मेगावाट तक पहुंच गई है, जबकि नेशनल इलेक्ट्रिक पावर रेगुलेटरी अथॉरिटी (एनईपीआरए) ने बिजली की कीमत में 3.99 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। जिससे बिजली अब और महंगी होना लगभग लगभ तय है पाकिस्तान में।
यह निर्णय अप्रैल ईंधन मूल्य समायोजन के आलोक में किया गया था। यह बढ़ोतरी बिजली के उपभोक्ताओं पर लागू नहीं होगी।
बिजली के दाम 4.5 रुपये प्रति यूनिट बढ़ाने के अनुरोध पर नेपरा में सुनवाई हुई। सेंट्रल पावर परचेजिंग एजेंसी (सीपीपीए) ने अप्रैल में ईंधन मूल्य समायोजन के लिए आवेदन करते हुए कहा कि पिछले महीने कुल 133 अरब रुपये की लागत से 12.55 अरब यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ था।
डीजल से 27 रुपये प्रति यूनिट, फर्नेस ऑयल से 28 रुपये प्रति यूनिट, एलएनजी से 16 रुपये प्रति यूनिट और कोयले से 14 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली पैदा होती थी। बिजली लाइन खराब होने से प्रति यूनिट 31 रुपये का नुकसान हुआ।