खलीज टाइम्स के द्वारा 16 जून को उन कर्मचारियों की हालत के बारे में सूचना जारी की गयी थी
जो कि शारजाह की सड़क पर देखे गए थे जिनके खाने-पीने और रहने का कोई ठिकाना नहीं था।
इन कर्मचारियों के बारे में बताया गया कि उनके एजेंट ने उन लोगों को बहुत बुरी तरह से धोखा दे दिया था
धोखे से वह इन सभी लोगों को उनके देश से यहां ले आए थे, यह कहकर की इन सभी को यूनाइटेड अरब अमीरात में अच्छी अच्छी नौकरियां दिलवाएंगे।
नौकरियोँ की पेशक़श करके उन्हें अपनी बातों में फंसा लिया और बाद में बुरी तरह से धोखा दे दिया।
एजेंट ने इन लोगों से नौकरी का वादा करके मोटी रकम ऐंठ ली थी हालांकि जब वह यहां पहुँचे तो उन्हें बहुत बड़ा झटका लगा इन लोगों से उनके पासपोर्ट भी छीन लिए गए और वह दर-दर की ठोकरे खाने पर मजबूर हो गए यह सभी लोग सड़क पर आ चुके थे
उनके पास हिंदुस्तान जाने के लिए ना पासपोर्ट था और ना ही वीजा कुछ पैसे बचे थे जो कि बहुत जल्द ही खत्म हो गए।
हार मान कर इन्होंने अपने लिए नौकरी तलाश करनी शुरू कर दी।
जब दुबई में भारतीय वाणिज्य दूतावास तक यह बात पहुंची कि भारतीय श्रमिको की स्थिति बेहद खराब है और वह सड़क पर आ चुके हैं
तो उन्होनें इन लोगो की मदद की। इन लोगो को दो महीने तक शिविर में रहने की व्यवस्था की गई इसके बाद इन लोगों को मुफ्त में इनके देश वापस भेजने के लिए व्यवस्था की गई।