सऊदी की बुजुर्ग महिला ‘शरीफा असीरी’ करीब ३० सालो से अपने बेटे की याद में एक थर्मस को अपने साइन से लगाए बैठी है इन बुर्जुर्ग महिला की उम्र करीबन १०० साल की है और ३० सालो से
वे उस पल का इंतजार कर रहे हैं जो उनके जीवन में फिर कभी नहीं आएगा। वह अपने बेटे को अल्लाह से वापस चाहती है ताकि जब वह आए तो वह उसका थर्मस अपने बेटे को लौटा सके।
अल-अरबिया चैनल से बात करते हुए शरीफा असीरी ने थर्मस की कहानी सुनाई और कहा कि ‘मेरे पास इससे जुड़ी अनमोल यादें हैं। जिसे मई चाह कर भी भील नहीं पारहि हु अपने बेटे की मौत के बाद से वह इस थर्मस को एक पल के लिए भी खुद से अलग नहीं करती है।’
शरीफा असीरी ने आगे कहा कि इस थर्मस की कहानी मेरे बेटे के स्कूल जाने के इतिहास से जुड़ी है.जब उसका बीटा पहली कक्षा में गया था , वो उस थर्मस में उनके लिए चाय तैयार करता था और घर जाते समय उन्हें सौंप देता था। फिर वह समय आया जब वह एक सैन्य संस्थान में कार्यरत था, तब भी वह उसी थर्मस में उसके लिए चाय बनाती थी।’
शरीफा असीरी ने भूली-बिसरी यादों को दुबारा से ताजा करते हुए कहा कि हादसे के दिन बेटे ने घर से निकलते वक्त कहा, ”मां! अपने थर्मस को सुरक्षित रखते हुए, वापस आने पर ले लूंगा,
लेकिन एक रोड एक्सीडेंट में वो दुबारा घर को नहीं आसका
शरीफा असिरी ने कहा कि ‘मुझे विश्वास है कि मेरा बेटा गुजर गया है, लेकिन वह अभी भी मेरे दिल में जिंदा है। मेरा हर पल मेरी दुआ है कि अल्लाह उसे जन्नत दे। हर हाल में अल्लाह का ही शुक्र है। मैं उनका आभारी हूं।’
2 दिनों से उनके बेटे की भूली-बिसरी यादों का जिक्र वाला उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था।