अल-मरसाड अखबार की खबरों के मूताबिक मिस्र के एक अखबार “अखबर अल-यूएम” के द्वारा टेलीफोन पर की गई बातचीत के विवरण को पेश किया है। इस अखबार के द्वारा उम्मे कुलसुम के अमरीका में रहते हुए उस मस्जिद के राज़ के बारे में खुलासा किया गया जिसकी वजह से वह अवसाद में चली गयी थी।
उम्म कुलसुम ने इस बारे में कहा कि, “पूरे अमेरिका में सिर्फ एक ही चीज़ है जिससे कि मुझे दुख होता है और वह यह है कि मैं मैसाचुसेट्स की मुख्य सड़क पर चलती हूं, और फ़िर मैं उस इस्लामिक मस्जिद को देखती हूँ जिस के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं। यह मस्जिद एक ऐसी इमारत है जिसको कि कुछ सालों पहले ही इस्लामिक मुल्क ने इसके निर्माण कराने की शुरुआत की थी। लेकिन यह मस्जिद बनकर मुक़म्मल नही हो सका क्योंकि इसके प्रभारी लोगों को मस्जिद निर्माण को पूरा करने के लिए रकम नहीं मिल पाती है।
उम्मे कुलसुम ने बताया कि 11 ऐसे इस्लामिक देश हैं जिन्होंने कि इस मस्जिद का निर्माण कराने और इसको स्थापित करने का वादा किया था, और इस मस्जिद के लिए रकम देने का वादा किया था, लेकिन उन 11 देशों में से कुछ देशों ने अपने किए हुए वादे को पूरा नही किया, उनके द्वारा रकम का भुगतान नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि यह अमेरिका में रह रहे मुसलमानों के साथ बिल्कुल गलत है, और इसके लिए आधिकारिक निकायों को शर्मिंदा किया जाना भी शामिल है।
उन्होंने जोर देते हए कहा कि एक मुसलमान होने के नाते मैं बहुत दुःखी हूँ। और एक अरबी महिला के तौर पर, उन्होंने अफसोस ज़ाहिर किया कि इस नज़रंदाज़ को लोग अरबों के खिलाफ इस्तेमाल और इस्लामी मुल्क के खिलाफ एक हथियार के तौर पर इसे इस्तेमाल किया जाता है। यह कहकर कि ग्यारह इस्लामी देश मिलकर भी एक अकेली मस्जिद को पूरा नहीं कर पाए हैं।