मस्जिद अल हराम में ज़ायरीन को व्यवस्थित करने वाले संस्थान के इंचार्ज इंजीनियर ओसामा बिन मंसूर अल हाजी अली का कहना है कि जुम्मा की नमाज के लिए मस्जिद अल हराम के 36 दरवाजे को खोल दिया गया था।
इसके अलावा विकलांग लोगों और बुजुर्गों के लिए आने-जाने के रास्ते पर खासतौर से आवंटित रखे गए थे
यहां पर आने वाले सभी बुजुर्ग लोगों को व्हीलचेयर के जरिए से बेहद आसानी के साथ मस्जिद अल हराम में प्रवेश कराया जा सके।
सऊदी अरब की सबक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक अल जहिली के द्वारा बताया गया है कि मस्जिद अल हराम के ज़ायरीन के लिए तीन दरवाजे जबकि बाकी नमाजियों को प्रवेश करने के लिए
बाहर निकलने के लिए आवंटित किए गए थे इसी तरह से तीसरे सऊदी विस्तारीकरण वाले हिस्से में भी नमाज की जगह को पूरी तरह से बहाल कर दिया गया है।
अल जहिली ने इस बारे में बताया कि तवाफ़ करने के लिए 26 लाइन बनाई गई थी
ताकि यहां पर आने वाले सभी लोगों को बहुत आसानी के साथ और सुरक्षित तरीके से अपने सभी कामों को और उनके फर्ज को पूरी तरह से मुकम्मल अदा किया जा सके।
उन्होंने इस बारे में बताया कि 26 लाइन तवाफ़ के लिए बनाई गई थी ताकि सभी लोग बहुत आसानी और सुरक्षित रूप से अपने फर्ज अदा करें इंजीनियर ओसामा बिन मनसूर अली का कहना है
कि उमरा ज़ायरीन और नमाजियों की सेवा करने के लिए 870 अधिकारियों को तैनात किया गया था जो कि अपने वक्त के मुताबिक ड्यूटी को अंजाम देते रहे हैं।