लेडी एवलिन कोबॉल्ड मक्का पहुंचने और हज अदा करने वाली पहली ब्रिटिश मुस्लिम महिला थीं।
जिन्होंने 1933 में पहली बार सऊदी के मक्का मुकर्रमा का दौरा किया था। और हज को अंजाम दिया था
इन्होंने लंदन में सउदी अरब के मंत्री हाफिज वहाबा से हज यात्रा पर जाने की इच्छा जाहिर की थी। और जिसने रियाद में किंग अब्दुल अजीज को पत्र लिखकर औपचारिक अनुमति का अनुरोध किया था।
यह उस समय की नौकरी पेशा महिला थी और हज यात्रा करने के लिए उन्होंने विशेष अवकाश लिया था। जिसके चलते इनके अतिरिक्त १० दी के पैसे भी काटे गए थे
1867 में एक एंग्लो-स्कॉटिश अभिजात परिवार में जन्मी, डनमोर के 7 वें अर्ल की बेटी, लेडी एवलिन ने विशेष रूप से उत्तरी अफ्रीका, अल्जीयर्स और काहिरा में अपने बचपन बताया। वह अपने अल्जीरियाई दोस्तों के साथ मस्जिदों में समय बिताने के लिए अपने परिवार के मूरिश विला से भाग जाती थी। यह वहीं था जहाँ उन्होंने अरबी बोलना सीखा
लेडी एवलिन ने मुसलमान बनने के बाद अपने नाम ज़ैनब रखा और उन्होंने एक किताब भी लिखी जिसका नाम पिल्ग्रिमेज टू मक्का (Pilgrimage to Mecca) है। इस किताब में उन्होंने अपने हज की यात्रा के बारे में कई अहम किस्सों का वर्णन किया है।