सऊदी अरब में कोरोना से सुरक्षित रहने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से मंजूर की गई वैक्सीन लगाने का सिलसिला देश में अभी भी जारी है।
वैक्सीनेशन को लेकर देश के सभी इलाके और शहरों में खास सेंटर स्थापित कर दिए गए हैं जहां पर सऊदी नागरिकों और विदेशी प्रवासियों को मुफ्त में वैक्सीन लगाई जाती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के नियमों के मुताबिक सऊदी नागरिक और यहां पर रहने वाले विदेशियों के लिए यह अनिवार्य है कि वह करोना से सुरक्षित रहने के लिए वैक्सिन के सभी ख़ुराक को लगवा ले ताकि स्वास्थ्य एप्लीकेशन पर उनका स्टेटस इम्यून दिखाई दे।
त्वककल्लना एप्लेकेशन पर इम्यून स्टेटस के बगैर कोई भी व्यक्ति चाहे वह सऊदी अरब का ही नागरिक एवं विदेशी प्रवासी सरकारी और प्राइवेट संस्थान मार्केट और स्कूल में प्रवेश नहीं हो सकता है।
एक व्यक्ति ने हरूब के बारे में सवाल किया कि हरूब के मामले में 12 साल पहले डिपोर्ट किया गया था क्या अब वापस सऊदी अरब आया जा सकता है ?
हरूब के मामले में लाइसेंस विभाग का कहना है कि इमिग्रेशन कानून में कीए जाने वाले परिवर्तन के बाद अब वह विदेशी प्रवासी जिन पर हरूब मामला दर्ज किया जा चुका है। उन पर सारी उम्र देश में आने की पाबन्दी लगा दी जाती है।
ऐसे लोग जिन्हें सऊदी अरब से किसी भी इल्ज़ाम में डीपोर्ट कर दिया जाता है। उन पर सारी उम्र किसी भी वर्क वीजा पर आने पर पाबंदी लगा दी जाती है।