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किंग अब्दुल्ला साइन्स एन्ड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी और सऊदी आरामको ने संयुक्त अनुसंधान के ज़रिए से कच्चे तेल को रसायन में बदलने वाली तकनीक में बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है।
नेचर कैटेलिस वैज्ञानिक पत्रिका के द्वारा दोनों संस्थानो के संयुक्त शोध के शुरुआती नतीजों को जारी किया गया है।
सबक वेबसाइट की न्यूज़ के मुताबिक एक ऑपरेशन के ज़रिए से कच्चे तेल को एक ऑपरेशन के ज़रिए रसायन में बदलाव करने वाली तकनीक तक पहुँच के अहम नतीजे होंगे। आरामको इस तकनीक को बनाने के लिए काम कर रहे हैं। यह पारम्परिक रूप से काम करने वाले रिफाइनरी की तकनीक की जगह लेगा।
तट पर अनुसंधान परियोजना के उपाध्यक्ष प्रोफेसर डोनाल्ड ब्रैडले ने कहा कि कच्चे तेल को रसायन में बदलने की तकनीक के साथ पेट्रोल के इस्तेमाल के तरीकों में बड़ी तब्दीली का कारण बनेगी। यह तकनीक दैनिक जीवन में उपभोक्ता वस्तुओं की पैदावार को बढ़ा सकती है। इसके बहुत ही अहम आर्थिक फायदे होंगे।
प्रोफ़ेसर ब्रैडले का कहना है कि दशकों से गैसोलिन का इस्तेमाल ईंधन के तौर पर किया जाता रहा है। नई बदलती प्रवृत्ति वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को ढूंढना है। नई तकनीक के आविष्कार के साथ रसायन के ज़रिए आने वाले समय में पैट्रोल का विकल्प बन जाएगा।