ऐसे तो सऊदी का कानून पूरी दुनिया में सबसे कड़े कानून का महत्व रखताहै और इस्लामिक देशो में सभी इसका पालन भी उतने ही कठोरता से करते है लेकिन साथ ही महिलाओं के प्रति रूढ़िवादी परम्पराओ समेत इस्लामिक तौर तरीको का बेहद कठोरता से पालन करवाया जाता है
लेकिन धीरे धीरे सऊदी में इन चीजों का चलन काम हो रहा है और महिलाये अपने निर्णय लेने के लिए किसी पुरष से बाधित नहीं है इसका ख़ास कारण ये भी है कि सऊदी हुकूमत महिलाओं को अब आत्म निर्भर बना रही है,
जिससे वे भी पुरुष की तरह खुद के पैरों पे खड़ी हो सके. अब उनके लिए सिर को हिजाब से ढंकना या फिर स्कार्फ से कवर करना भी अनिवार्य नहीं है
सऊदी अरब में महिलाएं क्यों कटा रही हैं बाल
सऊदी में अधिकांश महिलाये हिजाब से लेकर बुरखा पहनी रहती है लेकिन अब धीमे धीमे कुछ ऐसी महिलाये है जो हिजाब,नकाब,अबाया न पहनती और अब अपने आप को नए नए शौक पूरा करने के लिए हिजाब बुरखा सब त्याग दिया है उसी शुक में से एक खुद को छोटे बालों में रखना .
ऐसी ही कहानी है, यहां की एक डॉक्टर साफी की. ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, जब साफी को अस्पताल में नई नौकरी मिली, तो उन्होंने अपने बालों को छोटा कराना बेहतर समझा.
ताकि वो लैब कोट के साथ खुद को स्टाइलिश दिखा सकें. यहां वह रियाद के एक सैलून में गईं और अपनी पसंद से बालों की कटिंग करवाई.
बाल कटवाने से कैसे रहेगी सुरक्षित
सऊदी के कम्पनियो और दफ्तरों में काम करने वाली महिलाओ के बिच छोटे बालो को रखने का चलन तेजी से बढ़ रहा है इस हेयरकट को अंग्रेजी में ‘बॉय’ भी कहा जाता है
अब राजधानी रियाद में ऐसी महिलाएं भी घूमते हुए दिख जाती हैं, जो छोटे बाल रखना पसंद करती हैं. कई महिलाएं छोटे बालों यानी ‘बॉय कट’ को व्यावहारिक, पेशेवर विकल्प बता रही हैं.
छोटे बाल रखने का एक और कारण मुस्लिम महिलाएं बता रही हैं की छोटे बाल होने से उनके ऊपर वहां के शेखो और पुरषो की नजर नहीं पड़ ती और वह अपने काम को सही रूप से और आसानी से कर पाती है