प्रत्येक वर्ष हज सीजन के दौरान लाखों हाजियों के लिए खाने और पीने की व्यवस्था की जाती है पिछले कुछ सालों से खाने पीने की व्यवस्था के लिए कुछ अलग तरह के खास कदम उठाए गए हैं।
आपको बता दें कि एक वह जमाना भी था जबकि हज के सीजन के दौरान हाजी मीना में ठहरा करते थे
और अपने साथ बर्तन और मसाले लाया करते थे। अभी आज ही कुर्बानी का गोश्त मैं लकड़ी के बनाए हुए चूल्हे पर तैयार करते हैं जबकि पहले के मुकाबले अब सारा मंजर ही बदल चुका है।
अल अरबिया नेट की रिपोर्ट के मुताबिक सेराज ने बताया कि एक जमाना वह भी था
जब हाजी देगची भगोना और लकड़ी का इंतेज़ाम करते थे। खेमो के साथ साथ लकड़ी ओर कोयला का गोदाम बनाया जाता था।

उन्होंने बताया कि खाना बनाने की जिम्मेदारी ऐसे लोगों को दी जाती थी जिनके पास तजुर्बा होता था सुबह होते ही बावर्ची खाने में काम शुरू कर दिया जाता था
और रात के 10:00 बजे तक यह काम जारी रहता था। कुछ समय के बाद लकड़ियों के चूल्हे खत्म कर दिए गए और उनकी जगह मिट्टी के तेल वाले चूल्हे ने ले ली फिर नई प्रणाली को शुरू किया गया हाजियों में तैयार किए गए खाना बांटे जाने लगे।
इस साल 78 केटरिंग कम्पनियां अरफ़ात, मीना, मुज़दलफ़ा में खाना प्रदान कर रही हैं।
पहले से तैयार किए गए 10 लाख 200 भोजन प्रदान करने का प्रोग्राम बनाया गया। यह खाना मक्का नगरपालिका और और सऊदी फ़ूड अथॉरिटी के द्वारा निर्धारित किए गए नियम के मुताबिक़ तैयार किया जा रहा है।
सभी हाजियों को उनके कमरे के अन्दर और खेमों में खाना पेश किया जा रहा है।