इस्राइल के चुने गए नए प्रधानमंत्री नफ़्ताली बैनेट के द्वारा इस्लाम के तीसरे पवित्र स्थल जेरूसलम के अल हरम शरीफ में यहूदियों के लिए इबादत करने की आजादी के अपने बयान से पीछे हट गए हैं।
अरब न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामिक वक्फ़ के नियमों के तहत यह स्थान जॉर्डन की संचालन साइट है
और यहूदी यहां पर जा तो सकते हैं लेकिन उन्हें यहां पर इबादत करने की इजाजत नहीं है।
इसराइल के प्रधानमंत्री नफ़्ताली बैनेट के कार्यालय के द्वारा सोमवार के दिन स्पष्ट किया गया है कि उन्होंने राजस्थान का पहले के जैसे हैं उसी स्थिति में बरकरार रखने और उसे ना बदलने की बात कही है।
ध्यान रहे कि रविवार को जेरूसलम के अल हरम शरीफ़ के बाहर 16 से ज्यादा यहूदियों के द्वारा मार्च किया गया था और इस्राएल की सिक्योरिटी फोर्स के द्वारा
इस दौरान मार्च करने वाले यहूदियों का रास्ता साफ करने के लिए अल आकसा में इबादत करने वाले फिलिस्तीनी लोगों पर रबड़ की गोलियां और आँसू गैस का इस्तेमाल किया गया था।
इस घटना के बाद फिलिस्तीनियों में गहरी चिन्ता फैल चुकी है।
कट्टर यहूदी इस दिन को शोक दिवस के तौर पर मनाते हैं उनके ख्याल में बरसों पहले इसी दिन दो हजार से ज्यादा इबादत गाह को त’ बाह कर दिया गया था यहूदियों का मानना है कि यह इबादत गाह एक ऊँचे पहाड़ पर स्थित थे।