सऊदी अरब इस महीने जनवरी में अपने तीसरे सऊदी एडिशन में दाकार का डेज़र्ट रैली की मेजबानी करने वाला है।इस वैश्विक रेस की कारों में एक बहुत ही अहम बदलाव किया गया है जो कि साफ नजर आ रहा है
क्योंकि इस मुकाबले में पहली बार हाइड्रोजन से चलने वाला एक ट्रक शामिल हुआ है। ऐसे वक्त में सऊदी अरामको के द्वारा इस आधुनिक तकनीकी मंजर में एक अहम किरदार अदा किया गया है।
इस हवाले से सऊदी अरामको में टेक्निकल सर्विस के सीनियर उपाध्यक्ष अहमद अब्दुल रहमान अल सादी ने न्यूज़ चैनल अल अरबिया नेट के साथ बातचीत करते हुए बताया कि हाइड्रोजन के साथ चलने वाली गाड़ियों की कल्पना को साकार करने के लिए हमें ऊर्जा के वैश्विक मंज़रनमे में पर नजर डालनी चाहिए
जो कि पहले से ही वैश्विक ऊर्जा के सिस्टम के परिवर्तन के तौर पर एक बहुत बड़े हद तक टेक्नोलॉजी पर आधारित है।
इसके जरिए से हाइड्रोजन कम कार्बन और ज्यादा अधिक टिकाऊ ऊर्जा के मिक्स की तरफ ट्रांसफॉर्मेशन में किरदार अदा कर सकता है
और ऊर्जा की वैश्विक आवश्यकता को पूरा करते हुए कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने में भी काफी ज्यादा मददगार साबित हो सकता है।
उन्होंने इस संबंध में आगे कहा है कि सऊदी अरामको के द्वारा अपने शोध केंद्र के जरिए से इंधन के टेक्नोलॉजी तैयार करने पर काम किया गया है।
उन्होंने बताया कि जून 2019 में उन्होंने हेयर प्रोडक्ट का उद्घाटन किया जहरान की वादी में देश में कारों के लिए पहले हाइड्रोजन फ्यूल के स्टेशन हेयर प्रोडक्ट्स के नए टेक्नोलॉजी सेंटर के हेड क्वार्टर का उद्घाटन किया गया।