हरम शरीफ में तकरीबन पूरे डेढ़ साल के बाद सामाजिक दूरी के बगैर पहली जुम्मा की नमाज को अदा किया गया है हरम शरीफ के प्रशासन के द्वारा मस्जिद अल हराम में आने वाले लोगों की सुविधा के लिए अन्य 50 दरवाजों को खोल दिया गया है।
अख़बर 24 की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी की वजह से हरम शरीफ में भी नमाज को जमाअत के दौरान सामाजिक दूरी रखने की पाबन्दी भी लगाई गई थी इस पाबंदी का मकसद कोरोना महामारी से लोगों को महफूज़ रखना है।
आंतरिक मंत्रालय के द्वारा संबंधित एजेंसियों की तरफ से साइंस के आधार पर जारी रिपोर्ट पर अमल करते हुए हरम शरीफ में जमात की नमाज के लिए सामाजिक पाबंदी को खत्म करने के साथ हरम शरीफ में पूरी बन जाए उसके पास लोगों की मौत हजारी की परमिशन दे दी गई है जिस पर अमल करना पिछले रविवार 17 अक्टूबर से शुरू कर दिया गया है।
कोरोनावायरस की वजह से तकरीबन डेढ़ साल के बाद 22 अक्टूबर 2021 को मस्जिद अल हराम और मस्जिद-ए-नबवी में पहली बार जुमा की नमाज़ सामाजिक दूरी के बगैर अदा कराई गई है।
नमाज से पहले इमाम साहब की तरफ से लाइन को ठीक करना और बीच के फासलों को खत्म करने की परंपरा का निर्देश दिया गया था। हरम शरीफ में डेढ़ साल के बाद इस तरह नमाज जुमा की अदा की गई है जैसे कि कोरोनावायरस से पहले की जाती थी कि लाइन के बीच दूरी को खत्म करके नमाज में एक दूसरे से जुड़े खुदा की बारगाह में हाजिर थे।
ख्याल रहे कि आन्तरिक मंत्रालय की तरफ से हरम शरीफ में आने वाले ज़ायरीन और वहाँ पर काम करने वालों को मास्क इस्तेमाल करने के निर्देश दिए गए हैं। जबकि प्रशासन की तरफ से हरम शरीफ में भविष्य के आधार पर सैनिटाइजिंग का अमल जारी हो जाता है इसके अलावा जगह-जगह सैनिटाइजर बोतल मौजूद है ताकि हाथों को बैक्टीरिया से दूर रख सके।