पर्यावरण मंत्रालय जल औऱ कृषि के द्वारा सऊदी अरब में ऊंटों की नंबरिंग के डिजिटल सिस्टम को हाईवे पुलिस के सिस्टम से जोड़ दिया गया है नंबरिंग सिस्टम के जरिए ऊँटो में एक विशेष चिप लगाई जाती है ताकि उनकी ट्रैकिंग को आसान बनाया जा सके।
सऊदी अरब के अखबार 24 की रिपोर्ट के मुताबिक ऊँटो की नम्बरिंग के डिजिटल सिस्टम के ज़रिए अब तक 15 लाख से ऊँटो में इलेक्ट्रॉनिक चिप लगाई जा चुकी है।
हाईवे पुलिस के सिस्टम से ऊँटो की चिप को जोड़ने का मकसद राजमार्गों पर आने वाले ऊँट और उनके मालिकों के बारे में आसानी से मालूम किया जा सके।
पर्यावरण मंत्रालय का इस बारे में कहना था कि ऊँटो में चिप लगाने का बुनियादी मकसद उनके और ऊंटों का रिकॉर्ड रखना है जिसके जरिए हर इलाके के ऊँट और उनकी नस्ल के बारे में पूरा डाटा सुरक्षित किया जा सके।
इसके अलावा ऊँटो के स्वास्थ्य और बीमारी के बारे में जानकारी को हासिल किया जा सकता है। खयाल रहे कि सऊदी अरब में वैश्विक स्तर पर होटल दौड़ के मुकाबले एक बड़े पैमाने पर आयोजित किए जाते हैं। दौड़ में शामिल ऊँटो की नस्ल से उनकी कदर और उनकी कीमत को बढ़ावा दिया जाता है।
हाइवे पुलिस के कानून के मुताबिक राजमार्गों पर निकल आने वाले ऊंटों के मालिकों पर जुर्माना लगाया जाता है राजमार्गों पर ऊंटों की वजह से गंभीर हादसा होता है इसलिए हाइवे पुलिस फोटो के मालिकों को के बारे में पाबंद किया है कि वह अपने ऊँटो को राजमार्ग दूर रखें।