सऊदी अरब के तबूक इलाके के नागरिकों के द्वारा पुराने जमाने में खाद्य संरक्षण करने के लिए खास गोदाम बनाए गए थे जिनको अल मिशन के नाम से जाना जाता था।
सऊदी अरब के सरकारी न्यूज़ एजेंसी एसपीए की रिपोर्ट के मुताबिक तबुक में हर परिवार एक लंबी अवधि तक खाद्य संरक्षण के लिए अल मिशन से फायदा उठाता था। इस तरह खाने सुरक्षित रहते थे और खराब नहीं हुआ करते थे। इसे का गोदाम भी कहा जाता था।
साल भर के लिए खाने सुरक्षित हो जाया करते थे ऐसी चीज जिनको यात्रा करने के दौरान एक इलाके से दूसरे इलाके ले जाना मुश्किल हो जाता था। उन्हें सुरक्षित करने के लिए अल मिसन से काम लिया जाता था
जो खुराक सुरक्षित कर ली जाती थी उनमें खजूर गेहूं जौ घी वगैरह शामिल थे।
रेफ्रिजरेटर जैसे संसाधन का आविष्कार हो जाने के बाद अल मिसन जैसे खाद्य भंडारण का रिवाज खत्म होता चला गया है। हालांकि अभी से तबूक के नागरिक पूर्वजों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के तौर पर याद रखे हुए हैं।
यह लोग बताते हैं कि इस विशेष प्रकार के भंडारण को तैयार करने में सादा टेक्नोलॉजी लगती है चट्टानों के अंदर कुदरती तरीके से खुले हुए भाग को गोदाम के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
ع / تقرير / “المصَنّ “.. مستودع حفظ الأطعمة قديماً في بادية تبوك (واس)1443-07-19 هـ
चट्टान में ऐसे खुले हुए भाग का चुनाव किया जाता है जिसमें तापमान अनुकूल रहता है। इसे पत्थर और मिट्टी से अच्छी तरीके से बंद कर दिया जाता था। कोशिश यह रहती थी कि खाद्य सामग्री चट्टान वाले खुले हुए भाग में सुरक्षित करने के बाद उसे अंदर से बंद कर दिया जाता था
उसमें किसी भी प्रकार से हवा प्रवेश नहीं कर सकती थी इसके लिए एक मुनासिब चट्टान रखी जाती थी पक्की इट और मिट्टी की सहायता से इसके मुंह को बंद कर दिया जाता था।