इस साल के हज सीजन की पूरी कामयाबी के साथ इसका समापन हुआ है 120 घंटे तक आबाद रहने वाले मीना की बस्ती शुक्रवार को मगरिब की नमाज के बाद से आने वाले हज तक वीरान हो चुकी है।
हज के दौरान मीना की घाटी हाजियों के तकबीर और उनकी सदाओं के साथ गूँजती रही है और अब पूरे 1 साल बाद फिर से इसे आबाद कर दिया जाएगा।
सऊदी अरब के अल अरबिया नेट की रिपोर्ट के मुताबिक 50,000 हाजियों के द्वारा 12 जिल्हिज़्ज़ को गुरुवार 22 जुलाई को तीनों अल जमरात की रमी करने के बाद मीना की वादी को अलविदा कह दिया गया था
मक्का मुकर्रमा पहुंचकर मस्जिद अल हराम में अलविदा तवाफ़ करने के बाद अपने शहरों और बस्तियों को लोग वापस चले गए।
13 जिल्हिज़्ज़ शुक्रवार 23 जुलाई को तकरीबन 7200 हाजियों ने तीनों अल जमरात की रमी करके ईद के चौथे दिन मीना की वादी को अलविदा कह दिया था।
अब वह लोग मक्का मुकर्रमा पहुंचकर मस्जिद अल हराम अलवादी के तवाफ़ के बाद अपने घरों को वापस हो जाएंगे।
इस साल हज करने वाले सभी लोगों का संबंध देश के अंदर से ही था 60,000 से कम लोगों ने जिनमें सऊदी नागरिक और यहां पर रहने वाले विदेशी अप्रवासी भी शामिल थे
लोगों को हज के फ़र्ज़ को अदा करने का मौका मिला।
कोरोना महामारी के माहौल में बेहतरीन सुरक्षा पहल के साथ सभी लोगों ने अपना हज पूरा किया।
हाजियों की रवानगी के बाद मक्का मुकर्रमा नगर पालिका और उनकी पूरी टीम ने मिना में सफाई अभियान चलाया।