दुर्लभ तस्वीरें: 86 साल पहले जब मक्का की मस्जिद नबवी में किंग अब्दुल अज़ीज़ को कत्ल करने की कोशिश की गई
अल मरसाड अखबार की खबरों के मुताबिक बादशाह अब्दुल अजीज को उस वक़्त कत्ल कर देने की कोशिश करने का खुलासा किया गया। जब कि वह 1935 ईस्वी में हज सीजन के 1353 हिजरी में तवाफ़ की रस्मों को अदा कर रहे थे। लेकिन बादशाह सऊद किए गए इस हमले से बचने औऱ इस का मुकाबला करने में कामयाब हो गए थे।
तवाफ़ के दौरान
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दरअसल यह हादसा तब हुआ था, जब बादशाह अब्दुल अज़ीज़ अपने बेटे बादशाह सऊद और अपने सिपाही तवाफ़ का पांचवां चक्कर लगा रहे थे, पांचवें तवाफ़ करते वक़्त शुरुआत में ही जैसे ही बादशाह संगे असवद ( एक खास पवित्र काला पत्थर ) को चूम रहे थे, एक आदमी अपने हाथ में एक कटार लिए उनके बेहद क़रीब पहुँच गया था।
बेटे सऊद ने अपने पिता ( बादशाह ) को बचाया
इस हमले में वली अहद सऊद अपने पिता को बचा लेने में कामयाब रहा, और हमलावर को अपने पिता से दूर किया, उसकी पीठ पर जोरदार वार किया गया जिसकी वजह से वह बहुत ज़ख़्मी हो गया।
पहरेदारों ने मदद की
इसके बाद दो और नौजवान अल-मुतज़म और ज़मज़म के कुएं की तरफ से पहुँचे थे और वह अपने खंजर को तेज़ कर रहे थे, युवकों ने बादशाह और प्रिंस पर हमला करने की कोशिश की थी, सिपाहियों ने उसी वक़्त उन पर हमला किया और उन्हें कत्ल कर दिया।
बादशाह अब्दुल अजीज ने अपना तवाफ़ पूरा किया
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सिपाहियों ने मक्का में मस्जिद नबवी के दरवाजे बंद कर दिए, और तब बादशाह अब्दुल अजीज को इस बात का पता चला कि यमन के हमलावर मौजूद हैं।
हमलावरों का कत्ल
एक बेहद प्राचीन और दुर्लभ तस्वीर में उन तीनो लोगों को दिखाया गया नो इन सब मे शामिल थे, और उनको फिर कत्ल करते हुए दिखाया गया। इस तसवीर में तीनों की लाश लोहे के बेड पर पड़े हुए दिखाई दी गयी है।