स्थानीय सरकार, ग्रामीण और बंदोबस्त मामलों के मंत्रालय के तहत ‘एजार’ नेटवर्क ने घर और दुकान मालिकों के एक ऐसे अधिकार की पहचान की है जिसके बारे में कामगार प्रवासी किरायदारों को चिंता होगी।
आपको बता दे की अख़बार 24 के रिपोर्ट मुताबिक, ईजर का कहना है मकान मालिकों को घर दुकान को आटोमेटिक सिस्टम के द्वारा रेंट अग्रीमेंट के विस्तार को बढ़ने और रद्द करने का अधिकार है और उसे रेंटल एग्रीमेंट के समय किराया बढ़ने का भी अधिकार है
बहुत से लोपगो के मन में ये जागरूकता और बात थी की कि यदि पट्टे की अवधि एक वर्ष के लिए है
और उसे पूरा किया जा रहा है और पट्टे के संबंध में मकान मालिक द्वारा कोई परिवर्तन नहीं किया जाता है, तो ऐसी स्थिति में अगले वर्ष का किराया पत्र स्वतः ही प्राप्त हो जाता है।
एजर नेटवर्क ने बताया है कि लीज को बढ़ाया जा रहा है या नया लीज जारी किया जा रहा है, सभी मामलों में इसे सालाना मान्य किया जाएगा और 125 रियाल का शुल्क लिया जाएगा।
यह शुल्क आम तौर पर मालिक द्वारा सर्कार को दिया जायेगा हालांकि,
अगर मकान मालिक किरायेदार के साथ इसके विपरीत सहमत होता है, तो उस पार्टी से शुल्क लिया जाएगा जिसने किराए पर घर या दुकान का अधिग्रहण किया है।
रेंटर नेटवर्क ने एक किरायेदार द्वारा किए गए एक प्रश्न के उत्तर में उपरोक्त स्पष्टीकरण जारी किया है। यह पूछताछ की गई कि लीज की अवधि समाप्त होने पर लीज स्वत: बढ़ जाती है या नहीं।
दूसरे, यह पूछताछ की गई कि लीज बढ़ाने के दौरान मकान मालिक को किराया बढ़ाने का अधिकार है या नहीं। इन सब बातो को भी बताया गया है