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Saudi Arab

मस्जिद-ए-नबवी के खंबे की कहानी, जब वह सिसकियां ले लेकर रोया करता था

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मस्जिद-ए-नबवी में 165 खम्बों पर बनाए गए खूबसूरत डिजाइन और इसके नक्शे की तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल होती है। मस्जिद-ए-नबवी के सभी खंबे संगमरमर से बनाए गए हैं।

 

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अल अरबिया नेट की रिपोर्ट के मुताबिक मस्जिद-ए-नबवी की पुरानी इमारत में करीब 165 खंभे हैं। जिनकी शक्ल गोल है इन खंभों की लगभग ऊंचाई 4.80 मीटर है। जबकि इन खंभों को खूबसूरत संगमरमर को तराश कर इसमें बेल बूटे औऱ नक्श बनाए गए हैं।

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इन खम्बों में खिड़कियां बनाइ गयी हैं। मस्जिद-ए-नबवी की दीवारें और उसके कमरे 3100 साल से भी ज्यादा समय से अरबी सुलेख कि उसने कि आईना दारी भी करते हैं।

 

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मस्जिद-ए-नबवी में 8 अन्य खंबे हैं जिनको असातीन कहकर बुलाया जाता है। हर खम्बे का कोई ना कोई नाम और इतिहास जुड़ा है सोने के शब्दों से सोने के फ्रेम में नाम लिखे गए हैं।

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पैगंबर साहब के समय में यह खंभे खजूर की छाल के हुआ करते थे। इनमें से एक खंभा जिसका नाम मुखलका है। इस जगह पर खजूर का तना हुआ करता था और यहीं पर पैगंबर साहब मीमबर के बनने से पहले खुतवा दिया करते थे।

 

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मेंबर बनने के बाद पैगंबर साहब मिम्बर पर खुतबा देने लगे और तब यह खजूर का तना हिचकियां ले ले कर रोया करता था जिसकी आवाज सबने सुनी थी।

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