सिनेमा के साथ सऊदी अरब के लोगों का रिश्ता आज का नहीं बल्कि कई दशक पुराना है।
सऊदी अरब में पहली फिल्म जब प्रकाशित की गई थी तो वह स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर थी जो कि समाज में प्रचलित कुछ नजरियों को दुरुस्त करने के लिए बनाई गई थी। सऊदी अरब के अल अरबिया नेट की रिपोर्ट के मुताबिक बताया गया कि यह फिल्म आज से करीब 70 साल पहले बनाई गई थी।
जब हुस्नूल गानम प्रारंभिक टेप काटकर पहले सऊदी अभिनेता के तौर पर फिल्म अल जबाब पर काम करना शुरू किया था यह फिल्म अरामको कंपनी की तरफ से प्रोड्यूस की गई थी।
इस दिवंगत अभिनेता के बेटे और प्रड्यूसर माहिर ने बताया कि उनके पिता ने ईरान के अल जबला प्राइमरी स्कूल में अरबी और अंग्रेजी की शिक्षा ग्रहण की थी। अंग्रेजी भाषा उनके लिए फिल्मी दुनिया में आने में सहयोगी साबित हुई है।
उन्होंने इस स्कूल के प्रारंभिक चरण में बादशाह अब्दुल अजीज के सामने दोनों भाषाओं में भाषण दिया था। जिस पर उन्होंने हुस्नूल गानम की मानसिकता को सराहते हुए 500 रियाल से सम्मानित किया था।
उन्होंने आगे कहा कि मेरे पिता आरामको के स्कॉलरशिप के पहले बैच में सीरिया के शहर हलब और उसके बाद बैरूत गए थे।
इस दौरान अमेरिका की फिल्म की यूनिट जो कि हॉलीवुड के नाम से था स्वास्थ्य के खतरों और जरूरी चिकित्सीय जागरूकता के लिए एक फिल्म बनाने के लिए सऊदी की सर जमीन पर पहुंचा था।
यहां आकर उन्होंने फिल्म के लिए लोगों की तलाश शुरू कर दी हुस्न उल गानम को फिल्म में हीरो का किरदार मिला था। इसकी सबसे बड़ी वजह यह थी कि वह बेहद आसानी के साथ इंग्लिश बोल पाते थे।
इस फिल्म की शूटिंग करीब ढाई महीने तक चलती रही है। यह सन 1950 की बात है जब सऊदी अरब में पहली फिल्म रिलीज की गई थी जो कि 30 मिनट की थी।