इंडिया की रियासत बिहार से संबंध रखने वाले एक व्यक्ति जिनका नाम ब्रह्मदेव मंडल है ने पिछले साल फरवरी के महीने में कोरो’ना वैक्सिन की पहली डोज़ ली थी। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने कोरोना वैक्सिन की पहली डोज़ ली थी तो बरसों पुराना उनके घुटनों का दर्द काफी हद तक ठीक हो गया था।
ब्रह्मदेव बिहार से हैं और वह एक रिटायर्ड क्लर्क हैं उन्होंने बताया कि जब उन्होंने वैक्सिन की दूसरी खुराक ली तो उन्हें छड़ी के सहारे की जरूरत पढ़ना बंद हो गई थी। उन्होंने यह महसूस किया कि कोरो’ना वैक्सिन की पहली और दूसरी खुराक से उन्हें काफी ज्यादा फायदा हुआ है और बरसों की परेशानी उनकी दूर हो गई है इसलिए उन्होंने यह फैसला किया कि अब वह हर महीने कोरो’ना वैक्सिन की एक डोज़ लिया करेंगे।
ब्रह्मदेव ने जाने कैसे सिस्टम को इतना बड़ा चकमा दिया था। कोरोना वैक्सीन की 12 खुराक लेने के बाद आखिरकार वह पकड़े गए थे। वैक्सीनेशन के सिस्टम का गलत इस्तेमाल करने के जुर्म में उनके ऊपर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
ब्रह्मदेव ने अपने बयान में कहा कि कोरोना वैक्सिन मेरे लिए एक इलाज के तौर पर था और यह मेरे बेहतर स्वास्थ्य के लिए एक रास्ता था मुझे मालूम है कि मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है लेकिन मैं पीछे नहीं हटूंगा कानून का सहारा लूंगा।
ब्रह्मदेव के घर पर जब छापा पड़ा तो वह घर से भाग निकले थे। पुलिस ने उनके बेडरूम का ताला तोड़ा जहां ब्रह्मदेव की डायरी से उन्हें इस बारे में पता लगा। डायरी में ब्रह्मदेव ने अपने सभी कोरोनावायरस की तारीख लिख रखी थी। उनकी पत्नी का कहना था कि उनके पति ने कमर और जोड़ों के दर्द के लिए बहुत इलाज करवाया था। लेकिन हर बार कोशिश नाकाम रही है लेकिन जो आराम उन्हें दवाओं और इलाज से नहीं मिला वह उन्हें वैक्सी’न से मिला।