पुराने जमाने में खजूर को सुरक्षित करने की वह सुविधा उपलब्ध नहीं थी जो कि इन दिनों कोल्ड स्टोरेज के तौर पर मौजूद है अल उला के नागरिक नागरिक और अल्शिन के ज़रिए से सालों सालों तक खजूरों को सुरक्षित कर लिया करते थे और उनके मानकों को बरकरार भी रखते हैं।
सऊदी अरब की कश्ती है रिपोर्ट के मुताबिक अलुला रॉयल कमीशन के द्वारा खजूरों को सुरक्षित करने से संबंधित पूर्वजों के तरीके को पुनर्जीवित किया है उसे अलउला के इतिहास और संस्कृति के अटूट हिस्से के तौर पर पेश कराया जा रहा है।
अल उला के नागरिक अब्दुल रहमान सालेह जो कि रेगिस्तान से गहरी दिलचस्पी रखते हैं बताया कि अलशिना और अल अल मजलाद बकरी या भेड़ की खाल से तैयार की जाती थी खजूरों को पेड़ों से उतारते ही उन्हें अलसीना और अल मजलाद में सुरक्षित कर दिया जाता था।
उन्होंने इस बात की तरफ ध्यान केंद्रित कराया कि खजूरों को इकट्ठा करने से पहले उन्हें साफ किया जाता था उन पर पानी छिड़क जाता था और तेज़ गर्मी की स्थिति में उन्हें अलसीना और अल मजलाद के अंदर भर कर सिल दिया जाता था।
उन्होंने बताया कि अरब द्वीप में यह प्रक्रिया पुराने जमाने से चली आ रही है उस वक्त अरब की वास्तविक गिज़ा खजूर हुआ करती थी अब तक यह रिवाज सीमित पैमाने पर अल उला के इलाके में चली आ रही है।