पहले के ज़माने में हज आज के ज़माने से बेहद अलग होता था यहाँ तक कि उस ज़माने में हज के लिए रवाना हुए सभी लोग जब सऊदी अरब पहुंचते थे
तो वह सभी लोग सऊदी अरब में एक खास जगह पर इकट्ठा होते थे। इस खास जगह को लोग “अल मुर्बाज़” के नाम से जानते हैं।
अल अख़बरिया और अल मरसड अखबार की खबरों के मुताबिक अल मबरोज अल सलाम मोहल्ले के दक्षिण में स्थित है।
यह जगह अल सलाम मनोरंजन केन्द्र के दक्षिण गेट के सामने है।
रियाद और उसके उपनगरों के हज यात्री यहाँ पर इकट्ठा हुआ करते थे। अतीत में पिछले जमाने तक इस जगह का नाम अल करीना हुआ करता था
वहां पर जब यह सभी लोग इकट्ठा हुआ करते थे उसके बाद मोटर पर सवार होकर मक्का मुकर्रमा का रुख करते थे
और अपने सफर की शुरूआत करते थे बाद में इसे अल मबरूज़ के नाम से भी कहा जाने लगा।
एक रिपोर्ट के मुताबिक अल मबरूज़ से हाजियों का आखिरी कारवां 1358 हिजरी में निकाला गया था यह तकरीबन 84 साल पहले की बात है
जब ऐसा हुआ था इस खास कारवाँ का नेतृत्व उस वक़्त बादशाह अब्दुल अजीज के एक खास दोस्त जिनका नाम सालेह बिन हदयानी था
ने किया था उनको बाद में अल रमा का गवर्नर भी बना दिया गया था।