जद्दा में इस्लामी आर्थिक सेवा कॉउंसिल के द्वारा बताया गया है कि सऊदी अरब में गरीबी और फाके की दर ज़ीरो प्रतिशत तक पहुंच चुकी है जो कि सऊदी अरब की लगातार कोशिशों की वजह से मुमकिन हो सका है।
अल अख़बरिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामी आर्थिक कॉउंसिल की तरफ़ से कहा गया है कि सऊदी हुकूमत के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र पर ध्यान दिया गया है। लड़कों औऱ लड़कियों के बीच प्रतिस्पर्धा के असूल को अपनाया गया है।
इस्लामी आर्थिक कॉउंसिल का पन्द्रहवां सेशन के 3 दिवसीय बैठक मंगलवार को शुरू हुआ है इस का शीर्षक इस्लामिक फंडिंग डिजिटल परिवर्तन के बीच अनुपात है।
इस बैठक की मेजबानी सऊदी सेंट्रल बैंक के द्वारा किया जा रहा है। इस बैठक में 18 से ज़्यादा देश के सेंट्रल बैंक आर्थिक संस्थान नवाचार पर्यवेक्षक के प्रतिनिधि मंडल शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इस्लामी आर्थिक सेवा कॉउंसिल दुनिया के 80 से ज़्यादा बाज़ार औऱ मार्केट के 98 प्रभावी पार्टियों पर आधरित है। इसमे कई अंतरराष्ट्रीय संगठन शमिल हैं।