सऊदी अरब के कोहिस्तानी इलाके में एक ऐसा गांव दर्ज किया गया है जहां के नागरिक दुनिया भर से कटे हुए हैं
और यह लोग आधुनिक विकास वाली सामग्रियों से मालामाल होने के बावजूद पुराने जमाने की अंदाज़ वाली जिंदगी गुजारना पसंद करते हैं।
सबक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक बताया जा रहा है कि स्थानीय पत्रकारों की एक टीम के द्वारा जाजान प्रांत के अल कहर कमिश्नरी के कोहिस्तानी इलाके के अल शमिया गांव की रिपोर्टिंग करते हुए बताया गया है कि अल शमिया तक जाना मतलब की अपनी जान को जोखिम में डालने का काम है।
धारदार चट्टानों से भरे हुए रास्ते से गुजर कर बड़े ही मुश्किल के साथ गांव पहुंचे दिनभर चलते हुए रास्ता तय किया गया और पूरी कोशिश की गई कि किसी तरह से सूरज डूबने से पहले गांव तक पहुंचाया जाए।
अखबार की रिपोर्ट में बताया गया है कि गांव के मकान बिजली से वंचित हैं मकान इंसानों के रहने से कहीं ज्यादा भेड़ बकरी के बाड़े से मिलते जुलते नजर आते हैं मिट्टी के बने मकान किसी गुफा जैसे नजर आते हैं
यहां पर टेलीफोन का कोई रिवाज नहीं है। यहां के लोग एक दूसरे से संपर्क स्थापित करने के लिए है चीख पुकार का तरीका अपनाते हैं।
यह लोग ट्रांसपोर्ट के लिए गधों का इस्तेमाल करते हैं यहां की बोली भी अलग है जो कि मुश्किल से ही समझ में आती है यहां के लोगों ने कोई तालीम हासिल नहीं किया यहां पर गांव के स्कूल में केवल प्राइमरी तक की शिक्षा दी जाती है उससे आगे की शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है।
यहां पर रहने वाले एक बुजुर्ग ने बताया कि वह डायबिटीज दमा जैसी कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित है।
उनका परिवार काफी ज्यादा गरीब है और परिवार में कई सारे लोग हैं जिसकी वजह से उनका उचित इलाज नहीं हो पा रहा है उन्होंने बताया कि यहां पर पीने का साफ पानी उपलब्ध नहीं है गंदा पानी पीने की वजह से यहां के लोग विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं।