किंग अब्दुल अजीज एकेडमी के द्वारा जापान और सऊदी के शानदार पारंपरिक संबंधों के हवाले से एक बहुत ही महत्वपूर्ण राज पर से पर्दा उठाया गया है एकेडमी के द्वारा बताया गया है कि आखिर जापानी क्रॉउन प्रिंस अपने पहले विदेशी दौरे की शुरुआत सऊदी अरब से ही क्यों करता है ?
सऊदी अरब की आजील वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक किंग अब्दुल अजीज एकेडमी के द्वारा ट्विटर अकाउंट पर इस राज पर से पर्दा उठाते हुए बताया गया है कि इस कहानी की शुरुआत 71 साल पहले हुई थी
उस वक्त जब किंग फहद बिन अब्दुल अजीज ने महारानी एलिजाबेथ सेकंड की ताजपोशी की रसम में हिस्सा लिया था उन्होंने 1953 के दौरान लंदन में अपने पिता देश के संस्थापक किंग अब्दुल अजीज के कथन के अनुसार समारोह में शामिल हुए थे।
किंग अब्दुल अजीज एकेडमी के द्वारा बताया गया है कि बादशाह फ़हद ने समारोह में इस बात को नोट किया कि ब्रिटेन के शाही महल के प्रोटोकॉल के मुताबिक जापान के क्राउन प्रिंस हीटो कि सीट उन के बाद रखी गई थी
यह देखकर उनसे रहा नहीं गया और उन्होंने जापान के क्रॉउन प्रिंस के रुतबे का मान रखते हुए उन्हें अपनी सीट से पहले जगह दे दी थी।
एकेडमी ने बताया कि जापान के शाही परिवार ने दोनों देशों के संबंध के हवाले से इस ऐतिहासिक छण को अपने यहां दर्ज कर लिया है बताया जाता है कि यह तय कर लिया गया है कि जब भी जापान के क्रॉउन प्रिंस विदेश का दौरा करेंगे तो वह सबसे पहले सऊदी अरब जाएंगे
इसके बाद से जापान का हर क्रॉउन प्रिंस अपने परिवार की इस परंपरा की पाबंदी करता आ रहा है।