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इंडियन अस्पतालों पर दबाव सुप्रीम कोर्ट का 45000 जूनियर डॉक्टरों को काम करने की इजाजत
इंडिया में को’रोनावा’यरस के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के द्वारा लगभग 45,000 जूनियर डॉक्टरों के प्रवेश के अमल को क्लियर करते हुए उनको सरकारी अस्पतालों में काम करने के लिए इजाजत दे दी गयी है।
अरब न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक हेल्थ वर्कर को’रोना’वाय’रस के बढ़ते हुए मामलों की वजह से अस्पतालों में चिकित्सिय यूनिट की तादाद में बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे। यह हेल्थ वर्कर पिछले एक महीने से प्रोटेस्ट करते आ रहे थे।
इंडिया में शुक्रवार को को’रोना’वाय’रस के मामले एक लाख़ 17 हज़ार 100 तक पहुंच चुके थे। यह 1 हफ्ते में कोरोना के मामले में 5 गुना बढ़ोतरी है।
इंडिया में को’रोनावा’यरस की तेजी से फैलते हुए ओमिक्रोन वेरिएंट के द्वारा डेल्टा वेरिएंट को पीछे छोड़ दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक को’रोनावा’यरस के समग्र मामलों की तादाद करीब तीन करोड़ 52 लाख बताई गई है। जबकि 4 लाख 83 हज़ार 178 लोग अब तक इसकी वजह से म र चुके हैं।
पिछले साल तकरीबन 45000 पोस्टग्रेजुएट डॉक्टरों के द्वारा एग्जाम पास किए गए थे हालांकि वह इसलिए प्रैक्टिस नहीं कर पाए थे
क्योंकि उनके प्रवेश का अमल कानूनी विवाद के चलते छुट्टियों का शिकार हो गया था।
इसमें गरीब छात्रों के लिए आवंटित सीट का मामला भी शामिल था। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा निर्देश जारी किए गए थे की राष्ट्रीय हित के तहत सरकारी प्रवेश के अमल को शुरू करना चाहिए।
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