सऊदी अरब के विभिन्न शहरों में सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस ” खत अल ब्लद” के नाम से कई सालों तक जारी रही है।
जद्दा में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए चलने वाली कोस्टर जिन्हें “हाफ़िला” और “खत” के नाम से जाना जाता था के जरिए से ज्यादातर विदेशी प्रवासी सफर किया करते थे। हाफ़िला ( कोस्टर ) जद्दा में विभिन्न मार्ग पर चलती थी और उनका किराया उस ज़माने में 2 रियाल निर्धारित था।
सऊदी अरब के अल अरबिया नेट की रिपोर्ट के मुताबिक देश के आधुनिक संसाधन पेश होना शुरू हो गए तो खत के नाम से जाने-माने सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस की बस नजरों से ओझल होने लगी।
सऊदी चैम्बर ऑफ इंडस्ट्री में लॉजिस्टिक कमेटी के सदस्य और मक्का चेंबर ऑफ कॉमर्स में ट्रांसपोर्ट कमेटी के सदस्य माहिर ने बताया कि हर सीजन में सऊदी नागरिक कॉस्टर पर निर्भर रहा करते थे।
उन्होंने बताया कि देश के शहरों में ट्रांसपोर्ट की दुनिया में तेजी से बदलाव आया है 1978 में सऊदी पब्लिक ट्रांसपोर्ट कंपनी सप्टिको स्थापित की गई इसकी बसे शहरों के अंदर भी चलती रही हैं और एक शहर से दूसरे शहर के लिए भी उपलब्ध रही है।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट एयर ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में विभिन्न में बदलाव आएंगे इससे ट्रांसपोर्ट के स्ट्रैटिजिक लक्ष्य हासिल होंगे।