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Saudi Arab

हुंजा वादी की नौशीन ने डिप्रेशन से निकलने के लिए किया यह काम अब हैं अपनी ज़िंदगी में बिल्कुल सन्तुष्ट, लाखों के लिए बनी प्रेरणा

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नौशीन ने बताया कि जिंदगी बहुत अच्छी गुज़र रही थी हम सभी भाई बहन अपने पढ़ाई पूरी कर रहे थे

हम सबको ही शहद बहुत ज्यादा पसंद है हमेशा से ही इसलिए फिर हमारे अब्बू ने इसकी ट्रेनिंग ले ली और शहद की मक्खियों को पालना शुरू कर दिया

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ताकि हमें घर की बनी हुई प्योर शहद मिल सके। इसके बाद अपने डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए मैंने इसे अपना कारोबार बना लिया और

अब मैं अपने अब्बू के साथ मिलकर विस्तृत तौर पर इसका कारोबार कर रही हूं।

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गिलगित बाल्टिस्तान में हुंजा घाटी से सम्बंध रखने वाली नौशीन जो कि फिलहाल पाकिस्तान में हैं।

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उन्होंने बताया कि उनकी माँ और स्थानीय महिला हुंजा में शायरी मक्खियों को पालती हैं और फिर उनसे शहद तैयार करती हैं।

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शहद तैयार हो जाने के बाद वह इसे कराची नौशीन के पास भेज देती हैं नौशीन ने शहद को ऑनलाइन बेचने का काम शुरू किया है।Screenshot 78

उन्होंने कहा कि जो काम हम करते हैं वह असल मे मर्दों का काम है जिसे हम बहुत अच्छे से निभा रहे हैं

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उन्होंने कहा कि इस काम को शुरू करने के पीछे भी एक कहानी है।

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ढाई साल पहले खुदा ने उन्हें एक बेटा दिया था जिसे कि पैदा होते समय ही जिस्म के निचले हिस्से में काफी फ्रैक्चर थेScreenshot 74

उसके पैदा होने के साथ ही मेरी जिंदगी में मुश्किल बढ़ गई रोज उसे अस्पताल तक फिजियोथैरेपी के लिए ले जाना पड़ता था

इस वजह से मैं डिप्रेशन में चली गई थी।

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डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए मैंने खुद को व्यस्त करने का सोचा ऐसा तरीका निकाला जिससे आमदनी भी हो सके

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फिर मेरे दिमाग में शहद का कारोबार करने का आइडिया आया। इससे ना सिर्फ मुझे फायदा मिला है बल्कि हुन्ज़ा की महिलाओं को भी रोजगार मिल गया है।

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