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Saudi Arab

रोजा रसूल पर हाजिरी देना मर्दों तक ही सीमित हुआ, औरतों पर पहली बार लगी पाबंदी।

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हज और उमरा मंत्रालय के द्वारा बताया गया है कि मस्जिद-ए-नबवी में रोजा रसूल सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम की जियारत के लिए इसे मर्दों तक ही सीमित कर दिया गया है एप्लीकेशन के जरिए से परमिट को पहले हासिल करना होगा।

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सऊदी अरब के सबक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक हज और उमरा मंत्रालय के द्वारा कहा गया है कि महिलाएं रोजा शरीफ में नमाज का परमिट एप्लीकेशन के ज़रिए से हासिल कर सकती हैं। उन्हें रोजा शरीफ की जियारत करने के लिए और वहां पर नमाज अदा करने के लिए इजाजत मिल जाएगी।

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सऊदी अरब के ओकाज़ अखबार की खबरों के मुताबिक बताया जा रहा है कि मंत्रालय के द्वारा इस बात की ओर संकेत दिया गया है कि रोजा रसूल सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम पर सलात व सलाम के लिए हाजिरी देने और रोजा शरीफ में नमाज के लिए परमिट हासिल करने के लिए 1 महीने में सिर्फ एक बार ही इसे हासिल किया जा सकेगा। अगले इजाजत के लिए 30 दिनों के बाद इसे जारी किया जा सकेगा इससे पहले परमिट जारी नहीं किया जा सकता है।

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हज और उमरा मंत्रालय के द्वारा बताया गया है कि जहां तक मस्जिद-ए-नबवी में फ़र्ज़ नमाज़ों को अदा करने का संबंध है तो इसके लिए परमिट हासिल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हालांकि रोजा शरीफ में नमाज और सलात और सलाम को पेश करने के लिए रोजा रसूल पर हाजिरी देने के लिए एप्लीकेशन के जरिए से परमिट लेना अनिवार्य कर दिया गया है।

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