सऊदी अरब के पब्लिक प्रोसिक्युशन के द्वारा चेतावनी देते हुए कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति के बगैर उनकी तस्वीरों को लेना या फिर उनकी कोई वीडियो बनाना जुर्म के अंतर्गत आता है।
सऊदी अरब की सबक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक यह सूचना स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के मोबाइल लाने की मिलने वाले इजाज़त के साथ जारी कर दिया गया है।
याद रहे की कुछ दिनों पहले हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के छात्र छात्राओं को स्कूल के अंदर जाने की इजाजत दी गई है ताकि वह स्कूल में प्रवेश करने से पहले एप्लीकेशन के जरिए अपने कोरोना वायरस को दिखा सकें।
एजेंसी के द्वारा कहां गया है कि मोबाइल का गलत इस्तेमाल करना दूसरे की वगैर इजाज़त तस्वीर निकालाना उनके प्राइवेट ज़िंदगी मे दखल देने के जैसा है दूसरों के विज्ञापन करना, उन्हें मानसिक तकलीफ देना है और नुकसान पहुंचाना है और यह साइबर क्राइम माना जाएगा।
सरकारी और प्राइवेट एजेंसी स्कूलों या सरकारी स्थानों में शिष्टाचार के उल्लंघन को करना और दूसरे लोगों की तस्वीर या वीडियो किसी भी प्लेटफार्म पर प्रसारित करना जुर्म है।
एजेंसी द्वारा कहा गया है कि ऐसा करने पर एक साल के लिए कैद की सज़ा और 5 लाख रियाल तक का जुर्माना लग सकता है।