सऊदी अरब के इस्लामिक मामलों के मंत्री और नेता डॉ अब्दुल लतीफ शेख ने बताया कि मस्जिद में बिना मंत्रालय की परमिट के किसी भी प्रकार का कोई भी दावती प्रोग्राम नहीं किया जा सकता है ऐसा करना उल्लंघन माना जाएगा।
सऊदी अरब के अखबार 24 की रिपोर्ट मस्जिद उपदेश देने वाले अजान देने वाले स्वयंसेवक दावती काम करने वाले लोगों के लिए निर्देश और प्रतिबंध के बारे में दी गई है।
सऊदी अरब के इस्लामिक मामलों के मंत्री ने यह भी बताया है कि मस्जिद की लाइब्रेरी को साफ सुथरा रखने और उसे दीनी किताबों का केंद्र बनाया जाएगा। लाइब्रेरीयोँ से विद्वानों और धार्मिक मान्यताओं को हासिल करने वाले लोग इससे फायदा उठा सकेंगे लाइब्रेरी में अच्छी-अच्छी किताबों को रखा जाएगा जिससे लोगों को लाभ हासिल हो सके। लाइब्रेरी से उग्रवादी और गिरोह बंदी वाली किताबों को हटा लिया जाएगा।
सऊदी अरब के इस्लामिक मामलों के मंत्री ने यह भी बताया है कि देशभर के सभी इलाकों में मंत्रालय की ब्रांच के द्वारा अपनी लाइब्रेरी में मौजूद रखी गई किताबों की लिस्ट तैयार करें किसी भी लाइब्रेरी में कोई भी किताब मंत्रालय के संबंधित संस्थानों से बगैर इजाजत लिए नहीं रखी जा सकती हैं मस्जिदों के लाइब्रेरी से ऐसी सभी किताबों को हटा दिया जाएगा जिनको रखने के लिए इजाजत नहीं दी गई है।
अल शेख़ के द्वारा जामा मस्जिद के उपदेश देने वालों से यह भी कहा गया है कि वह जुम्मे के दिन दिए जाने वाले उपदेश उचित मान्यताओं के आधार पर दें।
देशभक्ति को प्रोत्साहन दिया जाए। अधिकारियों द्वारा दिए जाने वाले निर्देशों का पालन करें।
इसके अलावा एक हिदायत यह भी दी गयी थी जिन मस्जिदों में जनाज़ा की नमाज़ पढ़ाई जाती है वहाँ नमाज़ के बाद प्रोग्राम किये जा सकते है।