घुड़सवारी को ज्यादातर बादशाहों का खेल कहकर पुकारा जाता है ऐसे में इस बात को जानना बेहद ही हैरान कर देने वाला होता है कि अरब डॉलर कि वैश्विक इंडस्ट्री इस केंद्र में घोड़ों के स्वास्थ्य और आराम को या तो समझा नहीं जाता है या फिर उन्हें नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है।
घोड़ों की अमेरिकी विशेषज्ञ क्रिश्टेन हानन के द्वारा घोड़ों की परवरिश से जुड़े बायोसिक्योरिटी की समस्या पर रोशनी डाली गई है।
उनका कहना है कि अस्तबल कि हालत घोड़ों के स्वास्थ्य में बेहद अहम किरदार अदा करती है। क्योंकि इस जानवर के रहने की जगह अगर साफ-सुथरी नहीं होगी तो यह परेशानी में आ सकते हैं। इन्हें नुकसान पहुंच सकता है। इन्हें सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है कि यह साफ सुथरी जगह पर रहें।
उन्होंने बताया कि घोड़ों को पालना अन्य जानवरों को पालने से बेहद अलग होता है। उनका बेहद ख्याल रखना पड़ता है उनके रोजमर्रा की चीजों में थोड़ा बहुत बदलाव लाने से ही घोड़ों के पेट में समस्या पैदा हो सकती है। उनकी खुराक वर्जिश की रूटीन और अस्तबल में की जाने वाली अन्य प्रकार की गतिविधियों में थोड़ा बहुत हेरफेर करने पर भी सारा सिस्टम बिगड़ सकता है।
उन्होंने बताया कि इस का सबसे बेहतरीन तरीका यह है कि अस्तबल में काम करने वाले लोगों को जागरूकता के लिए प्रोग्राम आयोजित किया जाना चाहिए ताकि घोड़ों को दी जाने वाली सेवाओं में बेहतरी लाई जा सके।
वह जर्मनी में रहती थी और अपनी दादी के साथ घुड़सवारी का मुकाबला देखने जाया करती थीं। फिर उन्होंने साल 2018 में घोड़ों की देखभाल के लिए बाकायदा शिक्षा ग्रहण की।