अल हेसा कमिश्नरी के पुरातात्विक और ऐतिहासिक जगहों से समृद्ध है। पुरातत्व की पर्यटन के शौकीन लोंगो के लिए यहाँ पर बहुत कुछ है। यहां पर देश के अंदर और बाहर इतिहास के विद्वान और पर्यटक बड़ी तादाद में आते रहे हैं यहां पर कई 100 साल पहले होने वाले घटनाओं के गवाह पुरातात्विक की शक्ल में मौजूद है।
सऊदी अरब की न्यूज़ एजेंसी एसपीए की रिपोर्ट के मुताबिक यहां पर कसर ख़ेज़म पर्यटकों के दिलचस्पी का कारण बना हुआ है यह करीब 2 साल पहले बनाया गया था।
खेजाम पैलेस इस जगह का बेहद अहम है। यह वह जगह है जहां से इलाके में होने वाले संघर्ष को कन्ट्रोल किया जाता रहा है। अरबी भाषा में खेजाम का मतलब ज़माम के आता है जमाम वह डोर होती है जिससे ऊंट को काबू में किया जाता है एक तरह से कह सकते हैं ऊंट की नकेल।
यह शहर के पश्चिमी मोहल्ले अल मज़रोया में स्थित है यहां पर पहले के समय में बदु रहा करते थे जिनको गर्मियों के मौसम के दौरान आप हेसा की जगह ठहरने के लिए बड़ी पसंद आती थी गर्मियों के मौसम में करीब 2 महीने के लिए वह यहां पर रहा करते थे बदू अल हेसा के लोगों से यहां का असली घी, खजूर, कपड़ा, बंदूक, कारतूस के बदले में जरूरत का सामान खरीदा करते थे।
लोगों का कहना है कि क्योंकि उनकी मौजूदगी यहाँ के नागरिकों के लिए खतरे से खाली नहीं था उनके आने से रेगिस्तान के मालिकों को काफी ज्यादा खतरा होता था इस वजह से यहां पर एक बड़ी तादाद में फौजी तैनात किए गए थे और इनका काम यहां के नागरिकों कौ इनसे बचाना था।