इस्लामिक मामलों के मंत्रालय और मार्गदर्शन के द्वारा कहा गया है कि एसओपी में ढील देने का फैसला मस्जिदों पर लागू नहीं किया जाता है।
ओकाज अखबार की खबरों के मुताबिक मंत्रालय के द्वारा बताया गया है कि सभी मस्जिदों में पहले की तरह ही s.o.p. पर अमल करना जारी रहेगा। इस्लामिक मामलों के मंत्रालय जाज़न कार्यालय में प्रवक्ता शेख मोहम्मद के द्वारा बताया गया है
कि एसओपी में नरमी ना करने का फैसला मस्जिद की विशेषता की वजह से है आमतौर पर मजदूरों को बंद जगह में देखा जा सकता है जहां हर उम्र से संबंध रखने वाले बहुत सारे नमाज़ी नमाज अदा करने के लिए आते हैं।
मस्जिदों में नमाजियों के स्वास्थ्य के बारे में जांच-पड़ताल करना मुमकिन नहीं है और ना ही यही मालूम किया जा सकता है कि किसको क्या बीमारी है कभी-कभी मस्जिदों में प्रवेश करने से पहले तवककलना एप्लीकेशन दी नहीं देखा जा सकता है जिसके जरिए नमाजी के स्टेटस को चेक किया जा सके।
उन्होंने बताया कि यही वजह है कि s.o.p. में नरमी करने के फैसले से मस्जिदों को छूट दी गई है हालांकि इस्लामिक मामलों के मंत्रालय नमाजियों में सामाजिक दूरी को खत्म करने और एसओपी में नरमी करने के लिए स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।