सऊदी अरब में हज और उमरा मंत्रालय के द्वारा एक बार फिर बताया गया है कि मस्जिद अल हराम उमरा ज़ायरीन और नमाज पढ़ने के लिए आने वाले लोगों के लिए जबकि मस्जिद-ए-नबवी में रोजा शरीफ और सलात व सलाम के लिए एतमरना एप्लीकेशन के जरिए से आने वाले लोगों के लिए परमिट हासिल करना अनिवार्य है।
बयान में बताया गया है कि एतमरना के बगैर मस्जिद अल हराम और रोजा शरीफ में ना ही नमाज के लिए जाने की इजाजत मिल सकती है और ना ही उमरा करने का मौका ही मिल सकता है।
सऊदी अरब की सरकारी न्यूज़ एजेंसी एसपीए की रिपोर्ट के मुताबिक हज और उमरा मंत्रालय के द्वारा बयान जारी करते हुए बताया गया है कि यह बयान उन अफवाहों का लिए जारी किया गया है जिनमें यह दावा किया जा रहा था कि अब मस्जिद अल हराम और रोजा शरीफ में नमाज मस्जिद अल हराम और मस्जिद-ए-नबवी में सलात और सलाम के लिए परमिट हासिल करना अनिवार्य नहीं रहा है।
हज और उमरा मंत्रालय का कहना है कि परमिट के लिए एक शर्त यह भी है कि उम्मीदवार को कोरोना वैक्सिन की दोनों ख़ुराक ली होनी चाहिए और तवककलना एप्लीकेशन में स्वास्थ्य रिकॉर्ड अपडेट होना चाहिए।
यह पाबन्दी केवल इसलिए लगाई जा रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा जायरीन कोरोनावायरस के माहौल में रोजा शरीफ में नमाज की शआदत को हासिल कर सकें।