दुनिया की पहली हिजाब में रहने वाली वेटलिफ्टर जिनका नाम है कुलसुम अब्दुल्लाह। कुलसुम अब्दुल्लाह 2011 वर्ल्ड चैंपियन शिप में हिस्सा में लेने वाली पहली पाकिस्तानी वेटलिफ्टर बन चुकी हैं।
कुलसुम पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, इन्होंने रिकॉर्ड तो बनाया ही लेकिन अपने धर्म के अनुकुल उसके हिसाब से, धर्म के विचारों को सर्वोपरि रख कर। कुलसुम ने इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग में अपना नाम रौशन किया है।
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कुलसुम अब्दुल्लाह की पैदाइश मिसौरी कैम्स में हुआ था, उनका पालन पोषण फ्लोरिडा में हुआ है। इस दैरान अक्सर ही उनका पाकिस्तान जाना होता रहता था।
कुलसुम ने जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिक और कम्प्यूटर इंजीनियरिंग में मास्टर की डिग्री और पीएचडी की हुई है।
उसने वेट लिफ्टिंग तब शुरू की थी जब वह ताइक्वांडो की ट्रेनिंग ले रही थी। IWF कॉम्पटीशन में उसे हिस्सा लेने पर उसे सिर्फ उसके कपड़ों की वजह से निकाल दिया गया था।
इस हक़ से महरूम हो जाने के बाद यूएस वेटलिफ्टिंग के सीईओ जॉन डफ ने इनकी काफी हद तक मदद की थी। कुलसुम अब्दुल्लाह को उनके शर्तों के हिसाब से अपने नियमो के अंदर संशोधन करके इन्हें कंपीटिशन में हिस्सा लेने के लिए मदद की थी।
इस शनशोधन के तहत कुलसुम को इजाज़त ढ़ी गयी कि वेटलिफ्टिंग के दौरान वह अपने हाथ पैरों को ढककर रख सकति हैं।
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कुलसुम ने एक इंटरव्यू के दौरन कहा था कि हम बहुत ही छोटे सोच वाले समाज मे जी रहव हैं, यहाँ पर प्रतिभा के हिसाब से मूल्यांकन किया जाना चाहिए ना कि इस हिसाब से की किसका क्या धर्म है या वह किस तरह के कपडे पहनता है।
बेट लिफ्टिंग के लिए इंटरनेशनल रूल के हिसाब से हाथ पैरों का नंगा होना ज़रूरी था।