कहा जाता है कि तबुक अपने गगनचुंबी इमारतों और ऐतिहासिक जगहों की वजह से सब का पसंदीदा स्थान बना रहता है
यहां पर आकर्षक और लुभावने मंज़र अलग-अलग मौसमों में पर्यटकों की खास दिलचस्पी का कारण बने रहते हैं।
सरकारी न्यूज़ एजेंसी एसपीए की रिपोर्ट के मुताबिक जो लोग ऐतिहासिक पुरातत्व से मालामाल रेगिस्तान हरे भरे पेड़ों झरनों और अलग-अलग तरह के फलों के मंजर को देखने में दिलचस्पी रखते हैं
उनके लिए तक का इलाका सबसे बेहतर होगा।
कहा जाता है कि यहां पर 500 साल पहले के पुरातत्व सुरक्षित हैं पुराने जमाने में इसका नाम ताबू हुआ करता था
यह लैटिन भाषा का शब्द है इसका मतलब “बिल्कुल अलग जगह” होता है।
यह द्वीप अरब के उत्तर और सीरिया के दक्षिण में मौजूद है क्योंकि यह बिल्कुल अलग जगह पर स्थित है
इसलिए इसका नाम तबूक रख दिया गया है।
तबूक के तिमा और अलवदा कमिश्नरी में छठे सदी के ईसा पूर्व पहले के कुँवे और किले आज भी मौजूद हैं।
तब्बू का इलाका कुदरती मंजर के हवाले से बहुत ही अलग माना जाता है यहां हकल और शर्मा जैसे समुद्री तट पाए जाते हैं
जो कि 700 किलोमीटर पर फैले हुए हैं डइविंग करने वाले लोग और मछली पकड़ने के शौकीन लोग यहां पर आना बहुत पसंद करते हैं।