ईरान में आम जनता शुक्रवार को एक ऐसे राष्ट्रपति के चुनाव के लिए वोट डालने जा रहे हैं जिसे सरकार के आलोचक किसी भी सूरत में लोकतांत्रिक पारदर्शी और स्वतंत्र नहीं देखते हैं।
अरब न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पहले से निर्धारित इस चुनाव में इस बात की उम्मीद की जा रही है कि राष्ट्रपति पद एक जज को सौंपी जाएगी जिस पर कथित तौर पर राजनीतिक कैदियों की फांसी में शामिल होने पर वाशिंगटन की तरफ से पाबन्दी लगा दी गई थी।
कट्टरपंथी इब्राहिम रईसी को ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामना का समर्थन हासिल है और वह यथार्थवादी राष्ट्रपति हसन रूहानी के बाद राष्ट्रपति पद के लिए सबसे ज्यादा पसंदीदा उम्मीदवार के तौर पर है। हावर्ड यूनिवर्सिटी से शिक्षा ग्रहण करने वाले अमेरिका के राजनीतिक वैज्ञानिक डॉक्टर माजिद राफिज़ादा के मुताबिक इलेक्शन के दौरान ईरान की सरकार यह दिखाने की कोशिश करेगी कि उसे कानूनी स्थिति हासिल है।
उन्होंने बताया कि सरकारी कर्मचारी को निर्देश दिया जाएगा कि वह सरकार के लोकप्रियता को दिखाने के लिए चुनाव में जाएंगे जबकि अधिकारी वोटर की ज्यादा तादाद दिखाने के लिए सम्भावित रूप से फेर बदल करने की कोशिश करेंगे।
बुधवार को ईरान के सुप्रीम लीडर खामना के द्वारा ईरान के लोगों से वोट डालने का आग्रह किया गया है हालांकि उम्मीद यह है खराब आर्थिक स्थिति के हालात पर जनता में फैले गुस्से की वजह से लोगों की एक बड़ी तादाद चुनाव का बहिष्कार करते हुए दिखाइ देगी।