अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की बढ़ती हुई मांग और सीमित की वजह से पिछले दिनों मंगलवार के दिन तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चली गई थी।
अरब न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक मानकों के ब्रेंट क्रूड के द्वारा 5 दिन तक कीमतों में बढ़ोतरी होने के बाद 3 साल में पहली बार मानसिक तौर पर इसे पार कर दिया है।
तेल के अनुभवों अनुभवी लोगों का यह मानना है कि यह बढ़ोतरी बहुत ही आगे तक जा सकती है अमेरिका के बैंक के जेपी मॉर्गन तेल और गैस के प्रमुख क्रिश्चयान मालिक के द्वारा अरब न्यूज़ के साथ बात करते हुए बताया कि तेल की कीमत साल 2023 तक $100 प्रति बैरल से ज्यादा तक पहुंच चुकी है और यह मुमकिन तो और पर आने वाले 6 से 12 महीने के अंदर है इस स्तर तक पहुंच जाएगी।
एक और अमेरिका के बैंकिंग टावर कंपनी गोल्डमैन सॉक्स के द्वारा इस हफ्ते के आखिर तक के लिए 90 डॉलर प्रति बैरल की कीमत को पेश किया गया है।
तेल की कीमत में पिछले साल के दौरान 90% से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है क्योंकि आपेक प्लस की आउटपुट रणनीति सऊदी अरब और रूस के अध्यक्षता में तेल इत्तेहाद के द्वारा 2020 में तेल की वैश्विक कमी को खत्म किया गया जिसकी वजह से कीमतों में भी कमी आ गई।
वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल को इकट्ठा करने में जिसमें के वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान बढ़ोतरी हुई है। जनवरी 2020 के बाद से कमतर स्तर पर पहुंच चुका है क्यों कि तेल की सबसे बड़ी उपभोक्ता अमेरिका और चीन के द्वारा बहाली तेज कर दी गई थी।
वर्तमान रेस के पीछे कई प्रक्रिया भी शामिल किए गए हैं कंसलटेंसी सोलर एनर्जी के चीफ एग्जीक्यूटिव रॉबिन मिल्स का कहना है कि यह गैस की कमी को दोबारा से बढ़ती हुई मांग के अमेरिका के समुद्री तूफान और बहाली की हुई देरी से टकराव की वजह से हुआ है।