सऊदी अरब के किंग अब्दुल अज़ीज़ वन संरक्षण अथॉरिटी की तरफ से फयाज़ अल सुमान के विस्तृत क्षेत्रफल पर जंगली बैरी के करीब तीन लाख से भी ज्यादा बीच ड्रो न के जरिए से खेती करने की व्यवस्था की गई है।
राष्ट्रीय वन संरक्षण अथॉरिटी को जंगल को हरियाली में बदलने के लिए जंगली बेरी की खेती के एक बड़े प्रोग्राम पर अमल करना है। सऊदी अरब के अखबार 24 की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय वन संरक्षण के द्वारा जंगली बेरी का चुनाव किया गया है।
ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि इसके सिंचाई के लिए ज्यादा पानी की जरूरत नहीं पड़ती है।
रेगिस्तान में भी इसकी खेती करना बड़े ही आसान हो सकती है पहली बार ड्रो न का इस्तेमाल करते हुए जंगली बेरी की खेती की जा रही है अथॉरिटी के द्वारा इस संबंध में कहना है कि उनके बदौलत बहुत बड़े क्षेत्रफल में बीज को डालने में आसानी हो सकेगी।
इससे वक्त की भी काफी ज्यादा बचत हो सकेगी ड्रो न का एक और फायदा यह होगा कि उन सभी इलाकों की फोटोग्राफी ड्रो न के जरिए से हो जाएगी जहां जहां बीज डाले गए हैं और इनकी निगरानी करने में भी काफी ज्यादा आसानी हो सकेगी।
जंगली बेरी के पेड़ राष्ट्रीय वन संरक्षण के माहौल से मेल रखते हैं यह कांटेदार पेड़ है जो कि 3 मीटर तक ऊंचाई पर जाते हैं यह सऊदी अरब के अलग-अलग स्थानों पर कसरत से पाया जाता है।