हरम शरीफ के कस्टोडियन इतिहास के महत्व को दर्शाता है इस ऐलान के बाद हर साल 22 फरवरी को राष्ट्रीय दिन दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
हर राष्ट्र कल्चर और समाज अपने इतिहास की व्यवस्था करते हैं। क्योंकि ऐसे मौके राष्ट्र की जिंदगी में खास मकसद रखते हैं। यौमे तासिस मनाने का फैसला मनाने के जरिए से नई नस्लों को इस देश की बुनियाद और इसके संस्थापकों के बारे में जानने का मौका मिल सके।
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सऊदी अरब आज जिस मुकाम पर है इस देश की स्थापना के बरकत की वजह से है खुदा का शुक्र है कि उन्होंने हमें ऐसी नेमत से नवाजा है जिनकी वजह से हम हमेशा सुरक्षित रहे हैं।
पहले सऊदी रियासत के संस्थापक इमाम मुहम्मद बिन सऊद रहमतुल्ला अली को कई अहम कामयाबी हासिल हुई हैं इनमें सबसे ऊपर इस देश को एकत्रित करना। शांति सुरक्षा की स्थापना करना, स्थिरता लाना, देश के मामले और खुदा के एक होने का प्रचार करना शामिल है। मक्का और मदीना शरीफ में हरम शरीफ का बहुत ज्यादा ख्याल रखना, आने वाले जायरीन के लिए यात्रा मार्ग की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाना, वगैरह शामिल है।
आज के नस्ल के लिए यह जरूरी है कि वह सऊदी के स्थापना दिवस के दिन देश को और इसके संस्थापकों के बारे में जाने जिन्होंने अपने अथक सेवाएं प्रदान किए हैं।