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अपनों के कब्रों पर जाकर मांगनी पड़ती है हर मुसलमान को माफ़ी बहुत ही खास है शब-ए-बारात की रात

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इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार शब-ए-बारात का त्योहार शाबान महीने की 14वीं तारीख और 15वीं तारीख के मध्य रात को मनाया जाता है. जैसे की हमने आपको बतया की शब-ए-बारात 14वीं तारीख और 15वीं तारीख के बीच पड़ता है

शब-ए-बारात का त्योहार इस बार 18 मार्च को मनाया जाएगा. मान्यता है शब-ए-बारात में इबादत करने वाले सभी मुलसमानों के सारे गुनाह माफ हो जाते हैं. इसलिए लोग शब-ए-बारात में अल्लाह की इबादत करते हैं और उनसे अपने गुनाहों को माफ करने की दुआ मांगते हैं.और कुरान पढ़ते है

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Shab E Barat 2021: शब-ए-बारात इसलिए है बेहद ख़ास

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हिजरी कैलेंडर के अनुसार, शब-ए-बारात की रात हर साल में एक बार शाबान महीने की 14 तारीख को सूर्यास्त के बाद शुरू होती है. और शब-ए-बारात का अर्थ है शब यानी रात और बारात यानी बरी होना. शब-ए-बारात का रात को इस दुनिया को छोड़कर जाने वाले अपने पूर्वजों की कब्रों में रोशनी और उनके लिए दुआ मागी जाती है.और अलग अलग पकवान बनाये जाते है अपने पूर्वजो को याद करते है रात भर ये कुरान पढ़ते हैshabebarat 650 050118074812

इस्लामिक मान्यता के अनुसार इस रात को अल्लाह अपने चाहने वालों को हिसाब-किताब रखने के लिए आते हैं. इस दिन जो भी सच्चे मन से अल्लाह से अपने गुनाहों के लिए माफी मांगते हैं अल्लाह उनके लिए जन्नत के दरवाजे खोल देता है.

Shab E Barat 2021: शब-ए-बारात ऐसे मनाया जाता

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शब-ए-बारात पर मुस्लिम समाज के लोग मस्जिदों और कब्रिस्तानों में जाकर अपने और पूर्वजों के लिए खुदा से इबादत करते हैं. कब्रों पर चिराग जलाकर उनके लिए मगफिरत की दुआंए मांगी जाती हैं. मस्जिद में नमाज पढ़कर अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगी जाती है. घरों में पकवान जैसे हलवा, बिरयानी, कोरमा आदि बनाया जाता है. इबादत के बाद इसे गरीबों में बांटा जाता है.

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