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अरब 21 में पत्थरों पर लिखे हज़ारों साल पुरानीशादी प्यार खुशियों की कहानी, लोगो तक पहुँची पत्थरोँ की ज़ुबानी
अरब 21 में पत्थरों पर लिखे हुए प्राचीन संस्कृति की अक्कासी करते हुए उसमें उस दौर के लोग के आर्थिक और आजीविका यहां तक के शादी प्यार खुशियों के संबंध उनके विचार भी पाए गए हैं।
रीयाद में किंग सऊद यूनिवर्सिटी के प्राचीन इतिहास के प्रोफेसर डॉ सलमा को सर्वे के मुताबिक यह लिखावट बेहद ही प्राचीन जमाने के लोगों के धर्म और रस्में रिवाज विचारों उनके काम उनकी अर्थव्यवस्था के बारे में सब कुछ बताता है।
अरब न्यूज़ के साथ बात करते हुए उनका कहना था कि लिखावट इंसान का अविष्कार है। यह विचारों और जानकारी के आदान-प्रदान के जरिए से किया जाता है जिसे समाज में आपस में बात भी होती है।
उन्होंने बताया कि इस लिखावट से हासिल किए जाने वाले इतिहास की जानकारी इस वक्त के लोगों के महसूस किए जाने वाले दर्द मोहब्बत याद खुशी उदासी सभी जज्बात के बारे में बयान करती है।
सलमा बोसावी ने बताया कि क्योंनाफाम सुलेख मेसोपोटामिया में 3200 ईसा पूर्व से फैलना शुरू हुआ था और 100 ईसवी तक इस्तेमाल किया जाता रहा है। हीरोग्लेफिक सुलेख मिस्र में 4000 ईशा पूर्व से इस्तेमाल किया गया है जबकि योगीरेटिक सुलेख उत्तरी सीरिया में इस्तेमाल होता है।
सेनाइटिक सुलेख 1430 ईसा पूर्व इस्तेमाल होता था और इसको सिनाई रेगिस्तान के तांबे की खान में काम करने वाले लोग इस्तेमाल किया करते थे।
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