कानून के माहिर और वकील अब्दुल्ला अल युसूफ ने बताया कि 10 लाख रियाल से ज्यादा कर्ज़ के मामले में 60 साल और उसे ज्यादा उम्र के लोगों को जेल नहीं भेजा जा सकता है।
ओकाज़ अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक अल यूसुफ ने बताया कि 60 रियाल और उससे ऊपर के उम्र के कर्जदारों को वह रकम चाहे कितनी ज़्यादा ही क्यों ना हो इसके लिए उन्हें जेल में नही डाला जा सकता है।
अल यूसुफ ने कहा कि शाही अदालत से यह फरमान जारी किया जा चुका है कि 60 साल से ज्यादा उम्र के जिन भी कर्जदार लोगों को जेल में भेज दिया गया है उन्हें तत्काल रुप से रिहा कर दिया जाएगा।
अल यूसुफ ने कहा कि 60 साल और उसे ज्यादा उम्र के लोग अपने कर्ज का भुगतान न कर पाने की वजह से जेलों में रह रहे हैं वह अपनी रिहाई के लिए अदालत से मांग कर सकते हैं।
हालांकि दिवालियापन के शिकार कर्जदार लोग अपने दिवालिया होने की रिपोर्ट को ऑनलाइन पेश कर सकेंगे इसके लिए किसी और तरीके से भी अपने दिवालिया होने का ऐलान किया जा सकेगा। इसके लिए उन्हें एग्जीक्यूटिव कोर्ट के यहां मौजूद फॉर्म भर के आवेदन करना होगा यह कार्रवाई करने के बाद वह जेल से बाहर आ सकते हैं।