हज्रे अस्वद खाना क़ाबा के दक्षिण में स्थित है। उसी से खाना ए क़ाबा का तवाफ़ शुरू किया जाता है और खत्म भी होता है। बताया जाता है कि हज्रे अस्वद ज़मीन से क़रीब डेढ़ मीटर की ऊंचाई पर लगा हुआ है। यह एक काला रँग का पत्थर है इसकी हिफाज़त के लिए इसे चांदी के फ्रेम में लगवाया गया है।
सऊदी अरब की न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक़ हजरे अस्वाद अंडाकार का है यह छोटे छोटे साइज के 8 टुकड़ों का संग्रह है सबसे बड़े टुकड़े का साइज खजूर के बराबर है। हज्रे अस्वद के बारे में यह बात मशहूर है कि यह जन्नत का पत्थर है।
हज्रे अस्वद को चूमना हज में शामिल किया जाता है।
हज्रे अस्वद के बारे में कहा जाता है कि अब्दुल्ला बिन ज़ुबैर वह पहले शख्स हैं जिन्होंने इसे चांदी के फ्रेम में लगवाया था
उनके बाद कई और खलीफाओं के द्वारा हज्रे अस्वद को चांदी के फ्रेम में लगवाने की व्यवस्था की गई थी। जब जब इसकी जरूरत पड़ी तब तब ऐसा किया गया।
बादशाह सऊद ने हज्रे अस्वद के लिए चांदी का नया फ्रेम बनवाया फिर यह सम्मान बादशाह ख़ालिद बिन अब्दुल अज़ीज़ ने हासिल किया।
मैनेजमेंट से जुड़े इंजीनियरिंग स्टडीज औऱ प्रोजेक्ट एजेंसी हज्रे अस्वद और मकाम इब्राहीम का दृश्य रिकॉर्ड तैयार करने के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी इस्तेमाल की जाती है।