Saudi Arab
जहा मुस्लिम महिलाये नहीं पहनती थी हिजाब अब्बासी दौर से पहले स्थापित जोबाला गांव, उपाख्यान से है मालामाल ,
है इसका ज़ायरीन और कारोबारी काफिले के पड़ाव के अहम स्थान के तौर पर ऐतिहासिकता के लिहाज से इसका एक बड़े पैमाने पर जिक्र किया जाता है।
सऊदी अरब के अरब न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक यह स्पष्ट किया गया है कि जोबाला गांव को प्राचीन दौर में हाजियों के रह गुजर में सबसे महत्वपूर्ण स्थान बताया जाता है और इसका नाम आज तक इसी पहचान के साथ बरकरार है।
देश के उत्तरी सीमा इलाके में गवर्नरी से 25 किलोमीटर दक्षिण में स्थित जोबाला गांव पुरातत्व से मालामाल है इस गांव की एक खास अहमियत हाजियों और कारोबारी काफीलो के लिए है यहां पर मौजूद एक गहरा सा कुंआ भी है जो कि काफी चौड़ा है और इस कुएं की गहराई ढाई सौ मीटर बताई जाती है।
इस जगह की पुरानी चीजों में एक ऐतिहासिक महल को भी याद किया जाता है जिसके आसपास निवासी इलाका मौजूद है इस इलाके में तीन खूबसूरत तालाब भी हैं जिनका नाम अल शहुफ, उम्मे अल असाफ़िर, और अल शहहयात है।
इलाके में मौजूद ऐतिहासिक विशेषज्ञ मुतिर बिन ईद ने बताया कि इस गांव का नाम इलाके के जाने-माने व्यक्ति जोबाला बिन हारिस के नाम पर रखा गया है।
इस प्राचीन गांव के आसपास साल 2015 से अब तक पुरातत्व विभाग की तरफ से विभिन्न बार खुदाई की जा चुकी है। पुरातत्व की खोज करने वाले संस्थान अपने प्रोग्राम के लक्ष्य को हासिल करने के लिए नई प्रक्रिया के मुताबिक जोबाला गांव और उसके पुरातत्व में कई अहम जगह की खोज जारी रखे हुए हैं।
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